बस एक तेरा ख्याल आया ...

 




हम भी चाहते गर गमे...
इस जहान से मुंह मोड़ लेते ...
बस एक तेरा ख्याल आया ...
तुम्हे इस जहान में अकेला कैसे छोड़ देते ...
मोहब्बत यह तिजारत का खेल नहीं...
हर डाल डाल बदलने वाले परिंदे के....
अपने खुद के मक़ान नहीं होते...

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