power of love

 

गजब अन्दाज है तेरा मेरे होने का...
शरीक ए ग़म में दोनों साथ होने का..
मेरी निंद का सबब एक तुम ही हो ....
कमबख़्त रात ढल रही आहीस्ता आहीस्ता ...
यक़ीनन कुछ गुनाह तुम्हारे थे कुछ मेरे ...
सर ए इल्ज़ाम हमने खुद पर लिया ...
सज़ा मुकर्रम हो रही हैं आहीस्ता आहीस्ता ...

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