الصفحة الرئيسية#preet19385 कविताओं में उतार लूं, bypreet -أكتوبر 05, 2024 0 "है अभिलाषा इतनी कि पिरो कर तुमको शब्दों की माला में मैं तुम्हें अपनी कविताओं में उतार लूं,हृदय में बसा कर कंठस्थ कर लूं तुम्हें और अपना जीवन सँवार लूं"
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